सुनामी पर निबंध Tsunami par nibandh
हैलो दोस्तों आपका इस लेख सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami) में बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम इस लेख में सुनामी पर निबंध सीधी सरल भाषा में समझाने का प्रयास कर रहे हैं,
जो कि कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक तथा उच्च कक्षाओं में अक्सर पूछा जाता है। यहाँ से आप सुनामी पर निबंध लिखने का आईडिया दे सकते हैं। तथा यह सामान्य ज्ञान के लिए भी एक अच्छा टॉपिक है।
जिसके बारे में हर एक छात्र को तथा शिक्षित व्यक्ति को जानकारी होना चाहिए की सुनामी क्या है? इसके कारण क्या है? और यह कहाँ उत्पन्न होता है? क्या नुकसान होते हैं? तो आइए जानते हैं सुनामी पर निबंध:-
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सुनामी क्या है what is Tsunami
सुनामी एक प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) है, जो जनजीवन को भयंकर दुखों तथा कष्टों के भॅवर में डाल देती है। सुनामी एक ऐसी आपदा है जो समुद्र तल तथा तटीय इलाकों में भयंकर तबाही उत्पन्न करती है।
सुनामी को आमतौर पर समुद्री भूकंप (Sea Earthquake) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि सुनामी समुद्र तल में उठने वाली भयंकर तरंगों का ही रूप होती है तथा ये भयंकर तरंगे 10 मीटर से 20 मीटर की ऊंचाई तक पहुँच जाती हैं
और तटीय इलाकों में भयंकर तबाही और विनाश का कारण बनती हैं। दुसरे शब्दों में कह सकते है कि भूकंप और ज्वालामुखी (Volcano) से महासागरीय धरातल में अचानक हलचल उत्पन्न हो जाती है
और महासागर के पानी का अचानक विस्थापन (Displacement) होता है, जिसके फलस्वरूप समुद्री जल में ऊर्ध्वाधर तरंगे उत्पन्न होने लगती हैं,
तथा इन भूकंपीय समुद्री लहरों को सुनामी कहा जाता है। ग्रीक लोगों ने सुनामी का सबसे पहले वर्णन किया समुद्र में आने वाली सुनामी की लहरों की गति लगभग 400 किलोमीटर प्रति घंटा होती है
जो अपने रास्ते में आने वाले जहाज, नाव, बोट, तथा तटीय इलाकों में घर, वृक्ष, बंदरगाह आदि को नष्ट (Destroy) कर देती है।
भूकंप की भयंकर सुनामी के द्वार तटीय इलाके के बड़े-बड़े शहर गाँव तहस-नहस हो जाते हैं और लाखों लोगों की मृत्यु (Death) हो जाती है।
भारतीय सुनामी 2004 tsunami in india 2004
जब 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में भयंकर भूकंप आया था, जिस भूकंप की तीव्रता लगभग 9.1 आँकी गयी थी, तब हिंद महासागर में उत्पन्न सुनामी ने भारत सहित कई रहीस देशों के तटवर्ती इलाकों को तहस-नहस दिया था।
2004 में उत्पन्न सुनामी ने श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव सहित आसपास के कई क्षेत्रीय इलाकों में भयंकर तबाही मचाई जिसमें लगभग 2 लाख 30 हजार लोगों ने अपनी जान गवाई
और कई भयंकर मुसीबतों से लोगों को सामना करना पड़ा क़्योकी 2004 में सुनामी की पूर्व चेतावनी देने वाली कोई भी प्रणाली प्रचलन में नहीं थी जिस कारण उस समय जनधन का विनाशकारी रूप देखने को मिला।
सुनामी इन इंडिया Tsunami in india
वैसे तो सुनामी महासागरीय तटों पर आती रहती है किन्तु उन सुनामियों से इतनी तबाही नहीं होती जितनी हिन्द महासागर 26 दिसंबर 2004 में आयी सुनामी ने किया। यह सुनामी दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी थी।
जिसमें 13 देश प्रभावित हुए, किन्तु सबसे अधिक नुकसान भारत श्रीलंका, इंडोनेसिया को हुआ। यह सुनामी जावा द्वीप पर आये भूकम्प से उत्पन्न हुई।
भारत में तमिलनाडु का कड्डलोर ज़िला आंध्र प्रदेश, केरल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह सर्वाधिक प्रभावित हुए। भारत में ही लगभग 16000 मोतें हुई
तथा हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए। भारत ने इस नुकसान की भरपाई पर 1 खरब 63 अरब 80 करोड रुपए खर्च किये।
सुनामी के प्रकार Type of tsunami
- दूरस्थ सुनामी:- लंबे रास्ते में उत्पन्न होने वाली सुनामी को दूरस्थ सुनामी कहते है, इस सुनामी में सुरक्षा हेतु समय मिल जाता है। चिली में प्रशांत के पार की सुनामी दूर लम्बे रास्ते में उत्पन्न होती है। ऐसी अवस्था में हमारे लिए चेतावनी का तीन घंटे से भी अधिक का समय होगा।
- क्षेत्रीय सुनामी:- वह सुनामी जो अपनी यात्रा के समय को गंतव्य से दूर लगभग तीन घंटे की अवधि के बीच उत्पन्न होती हो जाती है क्षेत्रीय सुनामी कहा जाता है। उदाहरण के लिए करमाडेक का क्षेत्र जो कि न्यूजीलैंड के अन्तगर्त आता है यह पानी के नीचे ज्वालामुखी उदगार क्षेत्रीय सुनामी उत्पन्न कर सकता है।
- स्थानीय सुनामी :- किसी क्षेत्र के बिल्कुल करीब उत्पन्न होने वाली सुनामी स्थानीय सुनामी है, जिसमें सुरक्षा के लिए समय नहीं रहता इसलिये यह विनाशक होती है। उदाहरण के तौर पर न्यूजीलैंड के बहुत ही करीब के क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली सुनामी।
सुनामी के कारण causes of tsunami
सुनामी के कारण - सुनामी का प्रादुर्भाव प्राकृतिक आपदाओं के कारण ही होता है, इसलिए सुनामी भी एक प्राकृतिक आपदा ही है। सुनामी के निम्नलिखित कारणों को प्रमुख माना गया है:-
भूस्खलन Landslide
भूस्खलन (Landslide) सुनामी का एक महत्वपूर्ण कारण है, जिससे समुद्री तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही देखने को मिलती है।
जब समुद्र तटीय इलाकों के बड़े-बड़े पर्वतों (Mountain) के बड़ी-बड़ी चट्टानें टूटती है तथा अपने स्थान से टूट कर वहाँ पर गड्ढे गर्त अर्थ बना लेती हैं
तथा चट्टानी भूभाग समुद्र तल में जाकर गिरता है तो समुद्री जल बड़ी-बड़ी तरंगों का रूप ले लेता है, जो ऊर्ध्वाधर तरंगे होती है, तथा तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही उत्पन्न कर देती है।
भूकंप Eathquake
पृथ्वी के अंदर प्लेटो का खिसकना, जिससे धरातल पर भयंकर तरंगे उत्पन्न होती हैं उसे भूकंप (Earthquake) कहते हैं इसी प्रकार जब समुद्री धरातल की प्लेटें अपने स्थान से खिसकती है,
तो समुद्री धरातल पर भयंकर तरंगे उत्पन्न होने लगती हैं जिससे समुद्री जल ऊर्ध्वाधर रूप में तरंगों (waves) के रूप में उछलता है।
तथा आसपास के इलाकों में भयंकर तबाही करता है जिससे जनधन की हानि तथा कई प्राकृतिक गतिविधियों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है
इसलिए भूकंप सुनामी का प्रमुख कारण माना गया है। भूकंप के द्वारा समुद्री लहरों की गति 300 से 400 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास होती है तथा इसकी लहरों की ऊंचाई 40 मीटर तक हो जाती है जो बहुत विनाशकारी होती हैं।
ज्वालामुखी Volcano
ज्वालमुखी भी सुनामी का कारण है जब समुद्र तट पर ज्वालामुखी विस्फोट (Volcano Explosion) होता है , तो उस समय ज्वालामुखी की भयंकर विनाशकारी
गैसे, लावा आदि तीव्र गति से ज्वालामुखी के छिद्र से बाहर निकलता है, जिससे समुद्री जल का विस्थापन बहुत बड़ी मात्रा में होने लगता है
तथा समुद्र तल से विनाशकारी तरंगे उत्पन्न होने लगती हैं और सुनामी का रूप धारण कर लेती है, इसलिए ज्वालामुखी उदगार भी सुनामी का प्रमुख कारण है।
सुनामी से हानि Loss from tsunami
सुनामी से सर्वाधिक हानि तटवर्ती इलाकों में बसे हुए शहरों तक गाँव के लोगों को होती है, सुनामी के कुछ हानिकारक प्रभाव निम्न प्रकार हैं:-
घरों का विनाश Destruction of houses
जब सुनामी भूकंप (Earthquake) के द्वारा उत्पन्न होती है, तो इसकी गति बहुत ही तीव्र होती है, तरंगों की ऊँचाई भी दूर-दूर तक पहुँचती है,
जिस कारण समुद्र के तटवर्ती (Coastal) इलाकों में बसे हुए शहर तथा गाँव के घरों को भयंकर विनाश का सामना करना पड़ता है।
तटवर्ती इलाकों में बसे गांवों तथा शहरों के कच्चे मकान तो अपना अस्तित्व ही खो देते हैं, तथा पक्के मकानों को भी विशाल क्षति का सामना करना पड़ता है।
सुनामी बहुत भयंकर तथा विनाशकारी होती है, जो गाँव के गाँव शहर के शहर अपने साथ बहाकर ले जाती है इस प्रकार सुनामी के कारण घरों और मकानों का भयानक विनाश हो जाता है।
मृत्यु का कारण Cause of death
एक तरफ सुनामी के कारण घर मकानों की हानि तो होती ही है, साथ ही साथ लाखों लोगों को जान भी गंवाना पड़ता है। 11 मार्च 2011 में आए भूकंप ने उत्तरी जापान में सुनामी का कहर उत्पन्न किया था,
जिसमें लगभग 14000 लोगों की मौत हुई थी जबकि हिंद महासागर में 2004 में आई सुनामी ने लगभग 3 लाख लोगों को अपने आवेश में समेट लिया था।
इसलिए सुनामी भयंकर नरसंहार का कारण भी बनती है तथा लोग बेघर होने के साथ ही साथ अपनों से बिछड़ जाते हैं, बच्चे अनाथ हो जाते हैं।
अर्थव्यवस्था में नुकसान Loss in economy
समुद्र के तटवर्ती इलाकों में आने वाली सुनामी के कारण अर्थव्यवस्था (Economy) बिल्कुल ठप हो जाती है, जो भी तटवर्ती इलाकों में खाद सामग्री (Food Material) एकत्रित की जाती है, वह सब समुद्र के पानी के द्वारा बहा ली जाती है,
इसके साथ ही आसपास के क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयाँ (Industrial Units ) फसलें (Crops) आदि सब नष्ट हो जाती हैं, तथा पुनर्निर्माण में बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है, जिससे अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ता है और अर्थव्यवस्था बड़ी ही मंद पड़ जाती है।
पर्यावरणीय परिवर्तन Environmental change
सुनामी के बाद आसपास के तटीय इलाकों का पर्यावरण (Environment) पूरी तरह से बदल जाता है, भूमि बंजर हो जाती है, वृक्ष वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं
आसपास का इलाका दूषित हो जाता है, और कई भयंकर जहरीली गैसें (Toxic Gases) उत्पन्न होती हैं तथा पर्यावरण को नए ढंग से स्थापित करने के लिए मनुष्य को कठिन प्रयास करना पड़ता है।
रोगों का जन्म Birth of diseases
सुनामी आने के कारण आसपास के इलाकों में समुद्र का जल भर जाता है, तथा समुद्र के जल के साथ कई प्रकार के जीवाणु, कीटाणु, शैवाल, कवक आदि सभी बस्तियों में भर जाते हैं
जिस कारण कई प्रकार के रोगों का जन्म हो जाता है जिनमें हैजा (Cholera) पेचिस (dysentery) महामारी (Epidemic) आदि कई भयंकर बीमारियाँ सामने आती हैं तथा लंबे समय तक नष्ट नहीं होती।
सुनामी से बचाव के उपाय Measures Prevention from Tsunami
सुनामीग्रस्त इलाके में रहने बाले लोगों को सुनामी से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए :-
सुरक्षित स्थान का चयन करें Select a safe location
अगर आप सुनामी ग्रसित इलाके में रह रहे हैं और आपको जैसे ही सुनामी की चेतावनी के बारे में पता चलता है, तो आप सबसे पहले जरूरी सामान को पैक करें और जल्दी ही सुरक्षित स्थान पर किसी ऊँची पहाड़ी आदि पर पहुँच जाएँ
जिसकी ऊंचाई कम से कम 20 मीटर से अधिक हो वहाँ पर आप अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं क्योंकि उठने वाली सुनामी की लहरों की ऊँचाई 10 मीटर तथा 15 मीटर तक तो होती है।
सुनामी को पास से ना देखें Don't watch the tsunami close up
अगर आप समुद्री इलाके में है तो समुद्र में अक्सर लहरें उठती रहती हैं और लोग उन्हें बड़े ही आनंद से तथा पास से देखते हैं, जबकि कुछ लोग तो फोटो लेने हैं, आप ऐसा बिल्कुल ना करें
समुद्री तरंगों को देखने के लिए आप दूर ही किसी पहाड़ी पर जाकर इसे देख सकते हैं, क्योंकि सुनामी कभी-कभी भयंकर तरंगों के रूप में भी परिवर्तित हो जाती है और जो भी सुनामी को पास से देखते हैं उन्हें अपने साथ बहा ले जाती है।
पशु पक्षियों की असामान्य गतिविधियों पर ध्यान दें Pay attention to the unusual movements of animals and birds
यह बात सत्य है जब भी कोई विनाशकारी घटना होती है तो पशु पक्षी कुछ असमान प्रकार की गतिविधियाँ (unequal activities) करने लगते हैं।
इसलिए आपको अपने आसपास के पशु पक्षियों की असमान गतिविधियों पर गौर करना चाहिए और तुरंत ही अपना सभी जरूरत का सामान बांधकर किसी अच्छे इलाके में ऊँची पहाड़ी पर जाना चाहिए।
समुद्र से दूर ही घर तथा बस्ती बनाएँ Build houses and settlements away from the sea
सुनामी से बचने के लिए हमेशा घर तथा बस्ती समुद्र तटीय इलाके से दूर ही बनाएँ क्योंकि जो भी बस्तियाँ तथा मकान समुद्रीय तटीय इलाके में बने होते हैं
सुनामी के द्वारा सबसे पहले नष्ट होते हैं इसलिए बस्तियों को तथा मकानों को समुद्र तटीय इलाकों से दूर ऊँची पहाड़ियों पर स्थापित किया जाना चाहिए।
बचाव दल हेल्पलाइन नंबर याद रखें Remember the Rescue Team Helpline Number
जो भी व्यक्ति समुद्र तटीय इलाके में रहते हैं उन्हें बचाव दल के हेल्पलाइन नंबर अवश्य याद होने चाहिए क्योंकि जब कोई आपातकालीन घटना घटती है
तो उस समय आप हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) लगाकर बचाव के लिए उन्हें बुला सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर में आपको एंबुलेंस, डॉक्टर, अग्निशमन, पुलिस आदि का नंबर अवश्य याद होना चाहिए।
सुनामी चेतावनी सुने Hear tsunami warnings
सुनामी से बचने के लिए हमेशा सुनामी चेतावनी के बारे में जानकारी रखनी चाहिए जिसमें प्राकृतिक चेतावनी जैसे पशु पक्षियों की हरकते आदि जबकि ऑफिसियल चेतावनी (Official Warning) को समाचार आदि के साथ अन्य घटनाओं के बारे में भी जानकारी रहनी चाहिए।
भारत सरकार ने 2007 में कई समुद्री तटवर्ती इलाकों में सुनामी चेतावनी केंद्र स्थापित किए हैं, जो समुद्र में होने वाली हलचल, भूकंप, कंपन आदि के बारे में सूचना एकत्रित करते हैं
तथा उन्हें जनमानस तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। सरकार को अत्याधुनिक सुनामी चेतावनी सिस्टम को विकास करना चाहिए
जिससे समुद्र में उत्पन्न होने वाली सुनामी का पहले से ही पता लगा कर मीडिया समाचार आदि माध्यम से लोगों तथा समान को दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सके।
आपातकालीन योजना Emergency plan
सरकार को ऐसे इलाकों में जहाँ प्राकृतिक आपदा से संबंधित घटना घटित होती हैं, वहाँ पर आपातकालीन योजनाओं का विकास करना चाहिए
ताकि इन घटनाओं से ग्रस्त लोगों को सहारा (Support) मिल सके आपातकालीन योजनाओं में राहत शिविर बनाए जाने चाहिए।
डॉक्टरों तथा अस्पतालों की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा आपदाओं से ग्रसित लोगों को सुरक्षा स्वास्थ्य तथा उनके खान-पान का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
उपसंहार Conclusion
सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है, जो अचानक ही उत्पन्न हो जाती है तथा कई लोगों की जिंदगी तथा शहर और वस्तियाँ नष्ट कर देती है,
इसलिए सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में सुनामी चेतावनी सिस्टम मजबूत बनाकर लोगों को सुनामी से बचने की ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि लोग ऐसी मुश्किल अवस्था में स्वयं का सुरक्षा कर सकें।
दोस्तों आपने इस लेख में सुनामी पर निबंध (Essay on tsunami) कारण उपाय आदि के बारे में पढ़ा आशा करता हुँ कि आपको यह लेख पसंद आया होगा कृप्या इसे शेयर तथा कमेंट जरूर करें।
FAQs for Essay on Tsunami
Q.1. सुनामी की परिभाषा क्या है?
Ans. समुद्र में आने वाला तूफान ही सुनामी कहलाता है। सुनामी जापान भाषा का शब्द है जिसका अर्थ सु अर्थात समुद्र और नामी अर्थात लहरें होता है।
Q.2. सुनामी कितने प्रकार की होती है?
Ans. सुनामी तीन प्रकार की होती है, दूरस्थ सुनामी, क्षेत्रीय सुनामी और स्थानीय सुनामी।
Q.3. दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी कब आई थी?
Ans. दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में आयी थी जिसकी लहरें लगभग 50 मीटर ऊँची थी और इसमें 2.5 लाख लोगों ने अपनी जान गवाँ दी।
Q.4. भारत में सबसे बड़ी सुनामी कब आई थी?
Ans. भारत में भी सबसे बड़ी सुनामी 26 दिसंबर 2004 ही आयी थी कियोकि यह सुनामी हिन्द महासागर में आयी थी जिससे भारत श्रीलंका इंडोनेशिया सहित कई देश प्रभावित हुए थे।
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